खो-खो (Kho Kho)
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खो-खो जिसमे आपकी रफ़्तार और सहनशीलता की परीक्षा होती है जोकि काफी पुराण खेल है।
बचपन में गाओं या बड़े मैदानों पर खेला जाता था। खेल दिखने में बड़ा ही आसान सा लगता है लेकिन एक-एक पॉइंट कमाने के लिए काफी मेहनत भी करनी पड़ती है।
खो-खो देश-विदेश में कई जगहों पर खेला जाता है। जैसे – इंडिया (India), बांग्लादेश (Bangladesh), पाकिस्तान (Pakistan), जापान (Japan), दक्षिण-अफ्रीका (South-Africa), etc.
खो-खो का इतिहास
खो-खो काफी पुराण खेल है। ऐसा कहा जाता है की खो-खो महाभारत के समय से खेला जा रहा है। लेकिन प्राचीन काल में यह खेल रथ पर बैठ कर खेला जाता था इसीलिए इसे रथेरा (Rathera) कहते थे।
Christian Sancho: “Training gives physical, emotional and psychological health” para pharma europe launch of apple fitness +, the new training experience – gym factory magazine. ये तो हुई प्राचीन काल की बाते लेकिन हमारे यहा इसकी शुरवात डेक्कन जीमखाना, पुणे (Deccan Gymkhana, Pune) से हुई जो हमारे वीर लीडर “लोकमान्य तिलक” जी ने स्थापित किया था।
खो-खो पहली बार Berlin Olympic 1936 में विजय-वाडा, अंद्र प्रदेश में खेला गया था।
खो-खो कैसे खेले
खो-खो दो टीम्स में खेला जाता है। हार टीम में कुल ९ खिलाडी खेलने उतर ते है।
टॉस के बाद टॉस जितने वाली टीम तय करती है की वह पहले पकड़ेंगे या भागेंगे।
पकने वाली टीम के ८ खिलाडी जमीन पर घुटनो के बल बैठते है और एक खिलाडी (Chaser) विरोधी टीम के खिलाड़ियों को आउट करने के लिए भागता है। अगर chaser को लगे की विरोधी खिलाडी किसी और की पकड़ में आ सकते है तो chaser अपने एक खिलाडी को “खो ” कहकर उसे मौका देता है।
आखिर में जो टीम ९ मिंट में ज्यादा खिलाडीयों को आउट करती वही विजेता बन जाती है।
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खो-खो के नियम (Rules)
१. हार टीम में १२ खिलाडी और खेलते समय ९ खिलाडी होने चाहिए।
२. मैच २ इन्निंग्स (innings) में खेला जायेगा और हार inning ९ मिनट का होगा।
३. कोनसी टीम पहले रनर (Runner) या चेसर (chaser) बनेगी ये टॉस से तय होगा।
४. Chaser टीम के ८ खिलाडी जमीनपर एक दूसरे के विपरिध दिशा में मुख करके बैठेंगे।
५. Runner टीम एक वक्त पर ३ ही खिलाडी भेज सकते है।
६. Runner टीम के खिलाडी बैठे हुए खिलाडियों के बिच से जा सकते है लेकिन Chaser को पूरा पोल से घूमकर आना होगा।
७. अगर Chaser Runner टीम के खिलाडी को टच कर देता है तो वह खिलाडी आउट हो जायेगा।
८. अगर रनर टीम के ३ खिलाडी आउट हो जाते है तोह अगले ३ लोगो को दौड़ने भेजा जाता है।
९. Chaser अपने टीम के किसी भी बैठे हुए खिलाडी को पीठ पर हाट रख के और जोर से “खो” बोलकर नया Chaser बना सकता है।
१०. ९ मिनट में जो टीम ज्यादा खिलाडियों को आउट करेगी वही टीम जीतेगी।
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खो-खो पर मेरे विचार (My Thoughts)
तो अगर तुम सोच रहे हो की ये आसान है तो… फिरसे सोच लो।
गाओं में तोह अब हार एक खेल काम हो रहा है लेकिन स्कूल में खो-खो अभीभी खेला जाता है।
हा मेने भी खेला है लेकिन में भागने में कुछ खास नहीं हु 😁। लेकिन खेलते समय दिल में एक बात चलती रहती है की अभी वह मुझे खो देगा। अब देगा…अब देगा…अब देगा मतलब situation intense हो जाती है।
खो-खो भी अभी गाओं में ज्यादा नहीं खेला जाता लेकिन ये state, national, international लेवल पर कई ज्यादा खेला जाता है।
खो-खो के Federation कई टूर्नामेंट्स आयोजित करते है जिससे के ये खेल और लोगो तक पोहचाया जा सके।
तो बास आज के लिए बास इतना ही। अगर तुम्हे ये पढ़कर खो-खो के बारे में पता चला हो comment जरूर करना। दोस्तों में परिवार जानो में शेयर करो अकेले मात पढ़ो उन्हें भी पढ़ने दो। अगर कुछ पूछना हो तभी comment में लिख देना में reply करने की पूरी कोशिश करूँगा तो बस होगया में मिलता हु एक और नए खेल के साथ तब तक के लिए…….
—Dhanyavaad—